धनतेरस क्यों मनाया जाई है?
धनतेरस का हिंदुओं में बहुत महत्व है और यह त्योहार पूरे देश में बड़ी भव्यता और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान धन्वंतरि की जयंती के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है और उन्हें चिकित्सा या आयुर्वेद का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस पावन पर्व पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करता है, उसे सभी प्रकार के रोगों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। धनतेरस के दिन भक्त भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं क्योंकि उन्हें धन और समृद्धि का देवता और देवी माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी अन्य खजानों के साथ प्रकट हुए थे।
धनतेरस कब मनाई जाती है?
धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, हर साल पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के पहले दिन मनाया जाता है। लंबे समय से प्रतीक्षित यह त्यौहार कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। पंचांगों के अनुसार, इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10.31 बजे शुरू होगी और अगले दिन दोपहर 1.15 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ समय शाम 6.30 बजे से रात 8.12 बजे तक है।
धनतेरस का महत्व क्या है?
धनतेरस का पर्व धन-धान्य और समृद्धि का प्रतीक है। धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना है – पहला धन और दूसरा तेरस जिसका अर्थ होता है धन का तेरह गुना। धनतेरस का हिंदुओं में बहुत महत्व है और यह त्योहार पूरे देश में बड़ी भव्यता और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान धन्वंतरि की जयंती के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है और उन्हें चिकित्सा या आयुर्वेद का देवता माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस पावन पर्व पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करता है, उसे सभी प्रकार के रोगों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। धनतेरस के दिन भक्त भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं क्योंकि उन्हें धन और समृद्धि का देवता और देवी माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी अन्य खजानों के साथ प्रकट हुए थे। स्वास्थ ही हमारा सबसे बड़ा धन है इसलिए दीपावली में सबसे पहले Dhanteras in Hindi को महत्व दिया जाता है।
धनतेरस की कहानी क्या है?
धनतेरस का इतिहास बहुत पुराना है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता हैं और उन्हें चिकित्सा का ज्ञान देने वाले देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करता है, उसे सभी प्रकार के रोगों और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और असुर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी। बलि ने वामन के आग्रह को मान लिया। वामन ने अपने पहले दो पगों में पृथ्वी और स्वर्ग को नाप लिया। तीसरे पग के लिए उन्होंने बलि से अपना सिर मांगा। बलि ने भगवान विष्णु के सामने अपना सिर झुकाकर उन्हें तीसरा पग देने के लिए कहा। भगवान विष्णु ने बलि के सिर के ऊपर एक सोने की थाली रख दी और तीसरा पग थाली पर रख दिया। इस प्रकार, भगवान विष्णु ने बलि को पृथ्वी पर स्थापित किया। बलि को समृद्धि का देवता माना जाता है। इसलिए, धनतेरस को बलि के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।
धनतेरस कैसे मनाई जाती है?
Dhanteras in Hindi के दिन शुभ मुहूर्त में सोने-चांदी की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है और धन-दौलत में तेरह गुना ज्यादा वृद्धि होती है। Dhanteras in Hindi के दिन खरीदारी की जाने वाली कुछ शुभ चीजें हैं:
- सोना, चांदी, पीतल की वस्तुएं
- लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां
- दीपक, घी, तिल, गुड़
- चावल, दाल, नमक
- नए कपड़े
- अनाज
- मिठाई।
धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई करके उसे सजाया जाता है। घर के मुख्य द्वार पर दीवार पर रंगोली बनाई जाती है। इसके अलावा, दीवार पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीरें या मूर्तियां भी लगाई जाती हैं। घर में दीपकों और दीयों को जलाया जाता है। धनतेरस की पूजा शाम को की जाती है। पूजा के दौरान भगवान धन्वंतरी, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। पूजा में मिठाई, फूल, माला, धूप, दीप, आदि अर्पित किए जाते हैं। पूजा के बाद प्रसाद बांटा जाता है।
धनतेरस दिवाली और भाई दूज के करीब क्यों आता है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार धनतेरस कार्तिक महीने में मनाया जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, देवी लक्ष्मी कार्तिक महीने में पृथ्वी पर आती हैं, इसलिए धन और समृद्धि के लिए धनतेरस उसी महीने में मनाया जाता है। दिवाली और भाई दूज भी धनतेरस के समान कारणों से कार्तिक महीने में ही मनाए जाते हैं।